गुरुवार, 8 दिसंबर 2022

कविता:"मेहनत की कमाई का एक रुपया "

"मेहनत की कमाई का एक रुपया  "

मेहनत की कमाई का  एक रुपया ,

सौ रूपए की कीमत को चुकता  है।

आपकी हर जरूरतों को पूरा करता  है।

मेहनत से कमाया  गया रुपया ,

आपके  हर अरमानों को पूरा करता  है।

 कमाए गए रुपयों पर  किसी का दबाव नहीं रहता,

मेहनत की कमाई का  एक रुपया ,

सौ रूपए की कीमत को चुकता  है।  

जो आपको गरीब से अमीर बना देता है।  

मेहनत की कमाई का  एक रुपया ,

सौ रूपए की कीमत को चुकता  है। ।  

कवी: अमित कुमार ,कक्षा: 8वीं 

अपना घर 


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