" दोस्त "
दोस्त जा रहा है दूर,
पता नहीं कब लौटेगा।
कभी न कभी मुझे,
उसकी याद सताएगी ।
पढ़ाया, लिखाया,खिलाया, पिलाया,
अच्छे गानों में नाच नचाया ,
पता नहीं कब आएगा उसका साया,
दोस्त न सही एक अच्छा इंसान है ।
वही मेरे लिए गुरु सामान है ।
दोस्त जा रहा है दूर ,
पता नहीं कब लौटेगा,
कभी न कभी मुझे उसकी याद आएगी ।
कवी : मंगल कुमार , कक्षा: 6th
अपना घर
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