शुक्रवार, 11 नवंबर 2022

कविता: " दोस्त "

 " दोस्त "
दोस्त जा रहा है दूर,

पता नहीं कब लौटेगा।

कभी न कभी मुझे,

 उसकी याद सताएगी ।

पढ़ाया, लिखाया,खिलाया, पिलाया,

अच्छे गानों में नाच नचाया ,

पता नहीं कब आएगा उसका साया,

दोस्त न सही एक अच्छा इंसान है ।

वही मेरे लिए गुरु सामान है ।

दोस्त जा रहा है दूर ,

पता नहीं कब लौटेगा,

कभी न कभी मुझे उसकी याद आएगी ।

कवी : मंगल कुमार , कक्षा: 6th 

अपना घर

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