बुधवार, 5 जून 2024

कविता :"चिड़िया "

"चिड़िया "
चहक -चहक कर आती चिड़िया 
 फुदक -फुदक कर जाती चिड़िया 
फुर्र से वो उड़ जाती चिड़िया 
कभी नहीं वो जल्दी आ पाती चिड़या
दाना चुग कर ही आती चिड़िया 
अपने बच्चों को भी दाना चुगती चिड़िया 
नन्हे -नन्हे बच्चे के साथ 
खुश हो जाती चिड़िया 
कवि :अजय कुमार,कक्षा :5th 
अपना घर 

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