"घर की छुट्टिया "
जा रहा हूँ मैं घर इस बारऔर सब कहते हैवहां पर मजे करोगेपर घर जाकर पता चलता हैकि किया होगा वहां पर हालऊपर से ये तेजी गर्मीकर देगा लोगों को परेशानये पांच दिन की छुट्टियाजा रहा हूँ घर इस बारसारी चीजें हमें पता हैकि किया होगा वहां पर हलइस गर्मी को झेलनामुश्किल हो जाएगाहो जाएगा बुरा हालघर पे जो मेहनत करते हैवो मेहनत नहीं है आसानकर -करके हो जाते परेशानफिर भी काम छोड़ते नहींक्योकि हम लोगों का यही है कामइस पांच दिन कि छुट्टिया मेंजा रहा हूँ घर इस बारपरिवार को हाथ बटाऊगाताकि थोड़ा मिले आरामक्योकि हमेशा मेहनत करते रहते हैमौका ही नहीं मिलता है करने का आरामइस पांच दिन की छुट्टिया मेंजा रहा हूँ घर इस बार
कवि :नवलेश कुमार ,कक्षा :दस
अपना घर
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