सोमवार, 13 जनवरी 2020

कविता : वह याद

" वह याद "

वह हर याद जो हमें कुछ न कुछ,
देने की चाहत करती है | 
जिंदगी के हर उस पल को,
ख़ुशनुमार बनाना चाहती है | 
कभी ठहरती है यादें,
और कभी यूँ ही गुजरती है | 
हवाओं के साथ बातें करते हुए,
कुछ धीरे से आवाज में चिल्लाती है | 
अपनी बात सन्देश के साथ दे जाती है | | 

कवि : विक्रम कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता विक्रम के द्वारा लिखी गई  है जो की बिहार के नवादा जिले रहने वाले हैं | विक्रम को कवितायेँ लखने  का बहुत शौक है | विक्रम एक नेवी अफसर बनना चाहते हैं और उसके लिए बहुत तयारी कर रहे हैं | 

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