शनिवार, 28 अप्रैल 2018

कविता : मेरी पुकार

" मेरी पुकार "

हे प्रभु तू सुन मेरी पुकार, 
फिर से बना दे खूबसूरत संसार | 
इंसानों के अंदर भर दे प्यार, 
ताकि हर इंसान बन जाए यार | 
फूलों की खुसबू को बढ़ा, दे 
 चाहे उसमें चार चाँद लगा दे | 
तोड़ने पर न पहुंचे दुःख ,
काँटों में खिलकर भी रहे खुश | 
इस संसार को ऐसा बना दे ,
सोचूं तो दिल बहला दे | | 

नाम : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 


कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | प्रांजुल ने 2013 से  शुरू किया था और आज एक अच्छे कविकर बन गए हैं | 

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