बुधवार, 30 अगस्त 2017

कविता : यह राही की आवाज़ है

" यह राही की आवाज़ है
यह राही की आवाज़ है,
कह राही है पुकारकर | 
आशा मेरा मंजिल है, 
संघर्ष करना मेरा रास्ता |  
धैर्य ही मेरी  संभावना, 
बस यही है मुझको कहना | 
दूर है मंजिल ,तो दूर ही सही,,
रस्ते में काँटे है ,तो काँटे ही सही | 
वह सफलता ही क्या, 
जो सरलता से मिल जाये | 
वह राही क्या, 
जो कठिनाइयों से पीछे हठ जाये |

कवि : अखिलेश कुमार ,कक्षा : 7th , अपनाघर  

कवि परिचय : मैं अखिलेश कुमार अपनाघर में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहा हूँ | मेरा माता - पिता ईंट भठ्ठों में मजदूरी का कार्य करते हैं | मुझको कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | मैं बिहार से हूँ | 


12 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

शानदार अखिलेश.....

'एकलव्य' ने कहा…

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार ०६ नवंबर २०१७ को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"

Sweta sinha ने कहा…

बहुत सुंदर कविता लिखी है अखिलेश आपने ,मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आशीष है आपके लिए।

Meena Bhardwaj ने कहा…

अखिलेश बहुत सुन्दर कविता . सस्नेह आशीर्वाद .

Sadhana Vaid ने कहा…

वाह अखिलेश ! बहुत प्यारी कविता है और बहुत सार्थक सन्देश देती है ! भाषा की और ध्यान देने से और निखार आयेगा रचना में ! संघर्ष के बाद मिली हुई सफलता की कीमत दोगुनी हो जाती है ! बहुत खूब ! शाबाश ! इसी तरह प्रयास करते रहें ! सफलता आपकी प्रतीक्षा में है ! हार्दिक शुभकामनाएं !

Rajesh Kumar Rai ने कहा…

खूबसूरत संदेश देती लाजवाब रचना । बहुत खूब बाबू अखिलेश जी । ढ़ेरों आशीष एवं शुभकामनाएँ ।

विश्वमोहन ने कहा…

सम्पूर्ण सत्ताएं एक ही परम सत्ता और सम्पूर्ण भाव एक ही परम भाव के अंतर्भूत है. उन परम भावों का प्रादुर्भाव बालपन के उर्वरा प्रांगण में होता है. इसी बात को महाकवि विलियम वर्ड्सवर्थ ने कहा " Child is the father of man " और इसी बात को प्रमाणित किया है आपने अपनी इस रचना में!!! बधाई, आभार और शुभकामनाएं कि सृष्टि के आप सरीखे नव प्रसूनों के सुवास से साहित्य का आंगन सर्वत्र और सर्वदा सुरभित होते रहे!!!! यूँ ही लिखते रहें , सीखते रहें और साहित्याकाश में दीखते रहें !!!!

शुभा ने कहा…

वाह !!अखिलेश ,बहुत सुदंर रचना । बस ऐसे ही लिखते रहो । सस्नेह आशीष ।

अमित जैन मौलिक ने कहा…

बहुत सुंदर संदेश देती रचना कवि अखिलेश जी। शानदार वाह

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत सुन्दर.......
शुभकामनाएं..

Digvijay Agrawal ने कहा…

बेहतरीन...
लिखते रहिए...
सादर...

Digvijay Agrawal ने कहा…

बेहतरीन...
लिखते रहिए...
सादर...