शनिवार, 5 नवंबर 2016


दुनियां 
ये दुनियां  एक सुहाना सफर है.
          इस पे चलना सीखना ,बहुत ही जरुरी है/
हर पग समहाल  कर रखना,
             क्योकि हर जगह मुसीबतों की  डोरी   है।
 पीछे जो मै  छोड़ चुका हूँ,
अब तो वो एक कहानी है /
अब तो इंतजार है वो सुबह ,
जो कल खुशियां बन के आनी है /

            देवराज कुमार
         अपना  घर 

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