मंगलवार, 29 नवंबर 2016


  • सागर  के लहरे गाते है
  • हवा के वाहब गाते 
  • झूंम उठती है लहरे सारी 
  • चल पड़ती है हवाए सारी 
  • हवो के इस चल से 
  • झूम उठती  हरियाली सारी 
  • लहरे के चलने से 
  • झूम उठता समुन्दर सारा 
नितीश  कुमार 
९. ११. १६ 

शनिवार, 19 नवंबर 2016

रक्षाबंधन 
रक्षाबंधन आया है यारों 
बहनों को मत मारो /
इस दिन है इसकी आज़ादी ,
मत करो इसकी बर्बादी /
इधर उधर जाती है ,
पैसा माँग कर लाती है /
छोटा सा महल मंगवाती है ,
उसमें अपने सपने सजती है /
रक्षा बंधन आया यारों ,
बहनों को मत मारो /
                    नाम = समीर कुमार 
                     कक्षा = 6th 

शुक्रवार, 18 नवंबर 2016


   सूरज 
 मैं प्यार की चाह रखता हूँ ,
आग की तरह तपता हूँ  /
तपन मेरा मर्ज़ है ,
लाखों जिंदगियों का दर्द है /
रंग रूप मेरे साथ  है ,
 बाकि सारा बदन खाक है /
मैं दूर हूँ न पास हूँ ,
मैं तो सभी की आश हूँ /
मैं प्यार की चाह रखता हूँ ,
आग की तरह तपता हूँ /
अँधेरी जिंदगी में उजाला भरता  हूँ ,
न ही किसी से डरता हूँ /
मैं तो एक सूरज हूँ ,
न ही  किसी की मूरत हूँ/

                            नाम =  राजकुमार  
                             कक्षा =7tn 

शनिवार, 12 नवंबर 2016

कोशिश 
जो देखना था वो देख चुके ,
जो करना था वो कर चुके /
अच्छाई की राह पर ,
जीवन को छोड़ चले 
सादगी से था प्यार 
सुंदर सा था संसार 
जिसमें बच्चों का था प्यार/
घूमा हमनें पूरा जहान ,
      देखते ही देखते बन गए महान  /  
                      नाम =नितीश कुमार 
                          कक्षा =6th 

मंगलवार, 8 नवंबर 2016

सूना- सूना आकाश 
आकाश में लगता सूना -सूना ,
पक्षियों का बंद हो गया आना -जाना /
पक्षी भूखे रह नहीं सकते ,
और आकाश में उड़ नहीं पाते /
आते हैं जब धरती पर ,
लगता है जैसे हो गए बेघर /
मिलता न उनकोखाना पीना ,
आकाश में लगता सूना -सूना /
नाम = रविकिशन 
कक्षा =7th 

रविवार, 6 नवंबर 2016

देश 
प्यारा भारत देश हमारा ,
लहराता है शान से तिरंगा प्यारा /
शहीदों ने दी थी  क़ुरबानी ,
ताकि देश में न रहे गुलामी /
याद  करो वो लड़ाई ,
जब लड़े थे स्वतंत्रता सेनानी /
   अंग्रजों ने जलिया में भारतीय को मारा ,
 वीर पुत्रों ने दिया जवाब दिया करारा /
आज़ाद भारत देश हमारा ,
लहरा रहा है  तिरंगा न्यारा  /
                 नाम = अखिलेश कुमार 
                 कक्षा = 6th 

शनिवार, 5 नवंबर 2016


दुनियां 
ये दुनियां  एक सुहाना सफर है.
          इस पे चलना सीखना ,बहुत ही जरुरी है/
हर पग समहाल  कर रखना,
             क्योकि हर जगह मुसीबतों की  डोरी   है।
 पीछे जो मै  छोड़ चुका हूँ,
अब तो वो एक कहानी है /
अब तो इंतजार है वो सुबह ,
जो कल खुशियां बन के आनी है /

            देवराज कुमार
         अपना  घर 

शुक्रवार, 4 नवंबर 2016

poem : drizzling light


 "DRIZZLING LIGHT "
A drizzling light knock my door,
when I lies on the floor.
Entire room fullfil with light,
The whole life like problem fight.
It brings immortial light,
Make us way with light.
marvelous idea on my mind,
Each and  every of  kind.
Future life with so much light,
darkness becomes bright ,
At once we would catch the light ..........
                      Name : Pranjul kumar , class :8th ,Apnaghar hostel 


poet introduction : He is pranjul and he belongs to chhatisgarh.His parents work in construction site his family background is very poor .He is getting education from Apnaghar assossiation .Pranjul interest in dance , play the cricket Biology,physics and mathematics .His favorite batsman is Virat Kohli .Always smile in his face .We hope that he will write new poems with new inspirations in his future.
                   

गुरुवार, 3 नवंबर 2016

sagar

        सागर 
सागर के लहरे गाते है /
हवा के वाहब  भी गाते है/ 
झुम उठती सारी  
चल पड़ी  हवाए  सारी 
हवो के इस चल से 
झुम उठते पे ड़ सारे 
लहरे के इस चल से 
उठते है लहरे सारी 

              नितीश  कुमार 
               अपना घर 
                  कानपुर    

बुधवार, 2 नवंबर 2016


ठंडी 
ठंडी का मौसम आया है ,
कोहरा ज़ोर से छाया है /
सुबह -सुबह नहाना पड़ता ,
     काँपते -काँपते स्कूल जाना पड़ता /
स्वेटर टोपी न करता काम 
ये ठंडी है बेईमान /
  जल्दी उठने का करता न मेरा मन ,
     रज़ाई से झाँकने से न होगी ठंडी कम /
                           
                                नाम = विक्रम कुमार 
                                     कक्षा =6th