सोमवार, 2 मार्च 2009

कविता:- हमारा दिमाग

हमारा दिमाग
दिमाग हमारा कितना अच्छा
अच्छी बाते करता है बच्चा
जहाँ पहुचे कोई
वहां पर पहुचें मन हमारा
सबसे अच्छा सबसे प्यारा
जब हम सोते है
तब भी वह जगता है
जाने वह कब सोता है
कभी नरम सा होता है
तो कभी कड़क सा होता है
दिमाग हमारा कितना अच्छा
अच्छी बाते करता है बच्चा
आदित्य कुमार
कक्षा ६, अपना घर

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