बुधवार, 25 फ़रवरी 2009

कविता:- हम बच्चे

हम बच्चे
हम बच्चे है भोले - भाले
करते है हम मनमानी
हमें डटो हमें मारो
हमें भड़काओ
हमें हड्काओ
हम करते है बहुत शैतानी
जिससे होती सबको हैरानी
एक दिन बंद करेंगे शैतानी
दूर होगी सबकी परेशानी
हम बच्चे है भोले - भाले
करते है हम मनमानी
आदित्य कुमार
कक्षा ६, अपना घर

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