मंगलवार, 22 अप्रैल 2025

कविता : " प्यारी माँ "

 " प्यारी माँ " 
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आ रही है। 
तेरी लोरियाँ लगता है मुझे बुला रही है। 
कैसी  होगी मेरी माँ ये बहुत सताती है। 
फोन पर बात करू तो रोना भी आ जाता है। 
 रूठ जाऊ तो बार बार मानती थी। 
वो मुझे अपनी गोद में उठाती थी.
पता नहीं इतना सारा प्यार कहाँ से लाती थी। 
माँ हमेश उचे दर्जे निभाती थी ,
माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आ रही है। 
कवि : रमेश कुमार, कक्षा : 5th, 
अपना घर।