सोमवार, 5 दिसंबर 2016

बच्चे 
गुलाब की पंखुड़ियों जैसे,
कोमल होते है बच्चे /
हँसते  ,मुश्कुराते हैं  जब वे, 
तो लगते है माशूम बच्चे /
फूलों की खुशबू जैसे ,
झरनो की लहरें जैसे /
एक हंसी दिखा दे तो ,
जग के हँसते है बच्चे /
दुनियां की हर ख़ुशी ,
न हो कभी वे दुखी /
न हो उनके लिए सर्दी ,
बस प्यार की हो गर्मी/ 
नाम =राज कुमार 
कक्षा = 7th 

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