शुक्रवार, 18 मई 2012

कविता :- चले गए चन्द्रमा के संग

चले गए चन्द्रमा के संग 
चम चम करता चमक उठा यह चन्द्रमा....
फैल गए तारे अम्बर के आंगन में,
ये देख न रहा गया पवन से....
शुरू कर दिया उसने आवागमन,
इतने में मेघनाथ को आया स्वप्न....
उनसे रहा न गया शांत,
अम्बर के आंगन में कर दिया कीचड़ का भण्डार....
चमक रहे थे जो तारे,
चले गए चन्द्रमा के संग....
नाम : अशोक कुमार 
कक्षा :10
अपना घर 

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

bahut accche bete