शुक्रवार, 11 मार्च 2011

कविता - सावधान रहना

सावधान रहना 
सुनो सभी भाई बहना ,
हम से तुम सावधान रहना ....
सबकी हैं हालत खस्ता ,
इसी लिए मिलते हैं बाजार में बस्ता ....
बस्ते को जो लेता हैं ,
वह स्कूल जाता हैं ....
जो स्कूल जाता हैं ,
वह कूल -कूल हो जाता हैं.....
स्कूल जाने में हैं फायदा ,
जिसमें  होते हैं ढेर  सारे नियम कायदा .....
विश्राम सावधान करना पड़ता हैं ,
सावधान रहना पड़ता हैं .....
जो सावधान नहीं रहता हैं ,
उसे मार के सावधान कर देते हैं .....
बाल कवि:  हंसराज, कक्षा - ७ अपना घर ,कानपुर

4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

:) अच्छा हास्य..शाबास!!

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत खूब! आशीर्वाद।

Sushil Bakliwal ने कहा…

आपकी पूरी टीम को शुभकामनाएँ...

नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव.

अनुष्का 'ईवा' ने कहा…

बहुत अच्छी कविता ...