कविता - महंगाई
सुनो सुनो भाई सब देश वासियों ,
धनिया प्याज मिर्चा हो गया महंगा ....
लगता हैं पेट्रोल पानी में बहेगा ,
अगर इतनी महंगाई हो जायेगी ....
गरीब जनता भूखी मर जायेगी ,
जो सौ रुपये कमाता है....
वह केवल सब्जी ही ला पाता है ,
पढाई-लिखाई का अन्य पैसा .....
गरीब ब्यक्ति नहीं जुटा पाता हैं ,
आखिर इतनी महंगाई क्यों बढ़ गई .....
हमको नहीं बताया हैं ,
सरकार ने अपने मन से ....
महंगाई को बढ़ाया है ,
एक दिन येसा आयेगा ....
पानी भी मंहगा हो जाएगा ,
जो लोग गरीब हैं ....
उनकों कौन बचाएगा ,
सुनों-सुनों भाई सब देश वासियों .....
धनियाँ,प्याज,मिर्चा हो गया मंहगा ,
सुनो सुनो भाई सब देश वासियों ,
धनिया प्याज मिर्चा हो गया महंगा ....
लगता हैं पेट्रोल पानी में बहेगा ,
अगर इतनी महंगाई हो जायेगी ....
गरीब जनता भूखी मर जायेगी ,
जो सौ रुपये कमाता है....
वह केवल सब्जी ही ला पाता है ,
पढाई-लिखाई का अन्य पैसा .....
गरीब ब्यक्ति नहीं जुटा पाता हैं ,
आखिर इतनी महंगाई क्यों बढ़ गई .....
हमको नहीं बताया हैं ,
सरकार ने अपने मन से ....
महंगाई को बढ़ाया है ,
एक दिन येसा आयेगा ....
पानी भी मंहगा हो जाएगा ,
जो लोग गरीब हैं ....
उनकों कौन बचाएगा ,
सुनों-सुनों भाई सब देश वासियों .....
धनियाँ,प्याज,मिर्चा हो गया मंहगा ,
लेख़क :मुकेश कुमार
कक्षा :९
अपना घर
2 टिप्पणियां:
good poem
mukesh
very nice poem .please carry on .
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