बुधवार, 29 दिसंबर 2010

कविता: अपने देश के नेता...

अपने देश के नेता...

है अपने देश के नेता ऐसे।
देखो खाते जनता का पैसे॥
घोटाले ये खूब है करते।
नहीं किसी से अब ये डरते॥
अरबो का है किया घोटाला।
जनता को भूखो मार डाला॥
नेता मिलकर करे पैसो का हाजमा।
स्विस बैंक में करते सारा पैसा जमा॥
अगर ये सारा पैसा वापस जाये।
देश की जनता माला-माल हो जाये॥
नेताओं की अब तो मिलकर करो दवाई
भ्रष्ट है जो भी नेता उनकी करो सफाई
है अपने देश के नेता ऐसे।
देखो खाते जनता का पैसे

लेख़क: सागर कुमार, कक्षा ७, अपना घर

1 टिप्पणी:

vallabh ने कहा…

apne neta to bas aise hee hain, sagar! kya karoge?