बुधवार, 1 सितंबर 2010

कविता रक्षाबंधन

रक्षाबंधन
रक्षाबन्धन का दिन आया रे ,
बहाने खुशिया खूब मनायेगी....
पापा बाजार जायेगे,
राखी खूब लायेगें ....
रंग बिरंगी राखियाँ हैं,
बहाना सोचे किसको बांधू.....
सबसे पहले भईया को बांधू,
मिठाई उसको खिलाऊगी....
पैसा हम तो पायेगें ,
उस दिन भाई खाते हैं कसम....
हर दम करेगें तुम्हारी रक्षा,
रक्षाबंधन का दिन आया रे....
लेखक जीतेन्द्र कुमार कक्षा अपना घर कानपुर

2 टिप्‍पणियां:

vallabh ने कहा…

rakshabandhan ki shubhkaamnayen.

kena ने कहा…

happy rakhi