मंगलवार, 5 अक्तूबर 2021

कविता : सर्दी

 सर्दी

 सर्दी ने कर दिया परेशान | 

खास -खासकर शरीर हो गया बेजान ,

रात की नीद नहीं आती है | 

दिन में नाक बहुत सताती है ,

दवा भी हो गया बे असर |

ठीक करने की नहीं छोड़ी में कोई कसर ,

खाने में न लगता है मन  | 

 पुरे शरीर हो गया है भांग ,

सर्दी ने कर दिया परेशान | 

खास खासकर शरीर हो गया बेजान ,

कवि : कुलदीप  कुमार 

अपना घर

 

1 टिप्पणी:

Sanju ने कहा…

सुंदर, सार्थक रचना !........
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।