शनिवार, 29 जून 2019

कविता : चिड़िया

 " चिड़िया "

चिड़िया जब उड़ना शुरू करती है,
तो वह उड़ ही जाती है |
चाहे हो पानी चाहे हो हवा,
वो सभी को पार करते जाती है |
गिरती है फिर भी उड़ती है,
गिर कर ही वह सीख पाती है |
आखिर वह मंजिल तक पहुँच ही जाती है,
तब वह अपने को चिड़िया कह पाती है |   
चिड़िया जब उड़ना शुरू करती है,
तो वह उड़ ही जाती है |

नाम : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर



कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो प्रयागराज के निवासी है | समीर अपना घर नामक संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं |समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत | समीर को खेलना बहुत अच्छा लगता है | समीर को कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है | समीर एक संगीतकार भी है |

शुक्रवार, 28 जून 2019

कविता : छोटा बन जाऊँ

" छोटा बन जाऊँ "

मन करता है छोटा बन जाऊँ,
माँ का प्यार दोबारा पाऊँ |
उंगली पकड़कर चलना सिखाती,
हर अनजान मोड़ पर राह दिखाती |
`हर गलती को मेरी बक्श दे,
जीवन में मुझे ढेरों प्यार दे |
ममता की साया में रहूँ ,
माँ से मैं दिल की बात कहूँ  |
बचपन बहुत ही कीमती होता है,
जिसको नसीब नहीं वह रोता है |
बचपन के दिन नादान होते हैं,
लेकिन बचपन के बाद खूब रोते हैं |
काश सभी को बचपन नसीब हो,
एक छोटा बच्चा माँ के करीब हो |
                                                                                                       
                                                                                                          नाम : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर



कवि परिचय : यह कविता द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के निवासी हैं को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और वह ढेरों कवितायेँ लिख चुके हैं | समीर को प्रेरणा भरी कवितायेँ लिखना बहुत अच्छा लगता है जिससे की लोगों को प्रेरणा मिले | समीर इसके अलावा संगीत भी लिखते हैं |



रविवार, 9 जून 2019

कविता : देश होता जा रहा है खोखला

" देश होता जा रहा है खोखला "

फैशन का चल रहा है जलवा,
देश होता जा रहा है खोखला |
तरह -तरह की नई चीजें आती,
ये सब बड़े बड़े को नाच नचाती |
फैशन का चल रहा है जलवा,
गन्दी चीजें कर रही है हमला |
इमारतों से भरती जा रही है दुनिया,
कब समझेंगे देश के बनिया |
पेड़ सब कटते गए,
ऑक्सीजन की मात्रा घटती गई |
फैशन का चल रहा है जलवा,
देश होता जा रहा है खोखला |

नाम : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के निवासी हैं | कुलदीप कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक वह बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | कुलदीप क्रिकेट बहुत अच्छा खेल लेते हैं | कुलदीप हर दिन कुछ न कुछ नया  करता रहता है और छोटे बच्चों को ज्ञान की बातें बताता रहता है |

गुरुवार, 6 जून 2019

कविता : बचपन

" बचपन "

जब मैं छोटा बच्चा था,
बचपन में मैं गोरा था |
बचपन में मैं शैतान था,
मम्मी गलती पर डाटती थी |
फिर भी वही काम करता था,
पापा मेरे लिए रसगुल्ला लाता था |
मिठाई मैं पेट भर के कहते था,
जब मैं छोटा बच्चा था |
बचपन में मैं मोटा था |
जो काम नहीं करना होता,
वह काम मैं करता था |  

नाम :मंगल कुमार , कक्षा : 3rd , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता अपना घर के सबसे नए छात्र मंगल ने लिखी है जो की मध्य प्रदेश निवासी हैं और अपना घर में रहकर कक्षा 3rd में पढ़ते हैं |
मंगल की यह पहली कविता है जिसको अपने ऊपर लिखा है | मंगल चाहते हैं की वह आगे और भी कविता लिखेंगे |

रविवार, 2 जून 2019

कविता : छोटी सी चिड़िया

 " छोटी सी चिड़िया "

छोटी सी चिड़िया है,
वह कुछ कहना चाहती है |
उसकी भाषा समझ में न आती है,
इसीलिए उदास होकर वह उड़ जाती है |
वह अपने दुःख को ले जाती है,
छोटी सी चिड़िया कुछ कह जाती है |
चिड़िया अपनी आवाज़ों से पुकारती है,
वह लोंगो को खुश कर जाती है |
छोटी चिड़िया कुछ कहना चाहती है,
ऐसा लगता है वह हमारे साथ रहना चाहती है |

कवि : सनी कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता सनी के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के निवासी  हैं, और अपना घर संस्था में रहकर कक्षा ५ में पढ़ते हैं | सनी को कवितायें लिखना बहुत पसन्द है | सनी एक पुलिस ऑफिसर बनना चाहते हैं |