मंगलवार, 22 जनवरी 2019

कविता : परिवार का प्यार

" परिवार का प्यार "

परिवार का प्यार अनमोल होता है,
जिसको नहीं मिला वह रह -रहकर रोता है |
जब - जब यादें आती हैं,
आँसुओं की नदियाँ बह जाती हैं |
प्यार जिसको मिला,
वो कितना खुश नसीब है |
जिसको कभी प्यार नहीं मिला,
वह आँसुओं के करीब है |
मिली नहीं ये चीजें कोई बात नहीं,
जो दिया है खुशियाँ और प्यार
ये दे सकता कोई और नहीं |

कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर



कवि परिचय : यह कविता देवराज ने लिखी है जिसका शीर्षक परिवार का प्यार है | वास्तव में परिवार जैसा प्यार कोई और नहीं दे सकता उन सभी लोगों को खुश होना चाहिए जिनके पास परिवार है | लड़ाई और प्यार ये दो रूप होते है प्यार के | देवराज को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है |

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