मंगलवार, 6 नवंबर 2018

कविता : लहर उठना चाहती हैं

" लहर उठना चाहती हैं "

लहर उठना चाहती हैं, 
अपने अद्भुद भावों को
 प्रकट करना चाहती हैं | 
लहरें कुछ दिखाना चाहती हैं, 
मनुष्य को अच्छे सच्चे 
रास्ते पर चलना सिखाती हैं | 
लहरें अपने सन -सन आवाज़ों से
सबको समझाना चाहती  है, 
लहरें अपने लहरों से खेलना चाहती है | 
लहरें समुद्र की सैर करना चाहती हैं,
अपने अरमान से भव्य 
आकाश छूना चाहती हैं | 
लहरें कुछ कहना चाहती हैं,
लहरें उठना चाहती हैं  | 

नाम : संजय कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता  संजय कुमार की है जो की झारखण्ड के निवासी हैं और अपना घर में  रहकर अपनी पढाई कर रहे हैं | संजय पढ़ाई करने के साथ ही साथ कविता भी लिखना सीख रहे हैं, संजय हमेशा अपने पढ़ाई के लिए म्हणत करते रहते हैं |   

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