रविवार, 25 फ़रवरी 2018

कविता " फूलों की तरह खिला हूँ "

  " फूलों की तरह खिला हूँ "

फूलों की तरह खिला हूँ,
नए रास्ता के साथ चला हूँ | 
बढ़ते जा रहे हैं मेरे कदम,
एक नए दिशा की ओर | 
होंगे सही गलत के रास्ते,
चुनना है इनमें से एक |  
नहीं भरोसा किसी  पर,  
भरोसा करूंगा खुद पर | 
चलूँगा मैं सही रास्ते पर  
जो हो मेरे दिल में आसान, 
अपनाकर बनूँगा महान | 

नाम : नितीश कुमार , कक्षा : ७थ , अपनाघर


कवि परिचय : यह हैं नितीश जो की बिहार के नावदा जिले से कानपूर जिले में पढ़ने के लिए आये हुआ हैं | कक्षा 7 में ही कवितायेँ लिखना शुरू कर दिया हैं हो सकता हैं भविष्य में फिलॉसफर बन जाए | 

कोई टिप्पणी नहीं: