सुनो-सुनो माताओं और बहनों ।
चोरो और लुटरों से बचकर रहना ॥
अपनी रक्षा खुद ही करना ।
पुलिश को तो है अब कुछ नहीं कहना ॥
उन्हें है अब बस ड्यूटी करना ।
चोर जब चोरी कर के भागता है ॥
तो पुलिश कुछ नहीं कर पाती है ।
जब चोर पकड़ जाता हैं ॥
आधा-आधा पैसा बट जाता है ।
सुनो-सुनो माताओं और बहनों ॥
लेख़क :सागर कुमार
कक्षा :७
अपना घर
कक्षा :७
अपना घर
6 टिप्पणियां:
जब चोर पकड़ जाता हैं ॥
आधा-आधा पैसा बट जाता है ।
सुनो-सुनो माताओं और बहनों ॥
...sahi kahan..pyari kavita..badhai.
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'पाखी की दुनिया' में- डाटर्स- डे पर इक ड्राइंग !
बहुत खुबसूरत पंक्तिया है ........
पढ़िए और मुस्कुराइए :-
क्या आप भी थर्मस इस्तेमाल करते है ?
achhi si kavita hai....
रचना बहुत ही प्यारी है!
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आपकी पोस्ट की चर्चा "बाल चर्चा मंच"
पत्रिका पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/09/19.html
yeh kavita bachchon ke man mein chupe dar (fear) ko dikhati hai.
सागर जी ने तो अच्छा संदेश दिया है।
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