मंगलवार, 13 मार्च 2012

कविता : भठ्ठा

भठ्ठा

क्या थी ईंट भठ्ठों की कहानी ,
मैने अभी तक है खूब जानी ....
नन्हें-नन्हें बच्चे ईटों को बनाते हैं ,
इसी से जिन्दगी को आगें बढ़ाते हैं .....
बचपन मिट्टी में लग जाता है ,
मिट्टी में बचपन मिट जाता है .....
न कुछ पढ़ने को मिल पाता ,
न कुछ सीखने को मिल पाता .....
अभी भी बीत रहे है बचपन ,
ठेकेदारों से लिया माँ-बाप का कर्जा चुकाने में ......


लेखक : चन्दन कुमार 
कक्षा : 6
अपना घर  
 

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