शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

कविता : सब करना सीखो

 सब करना सीखो 

फूलों से तुम हँसना सीखो ,
भौंरो से तुम गाना सीखो ....
सूरज की किरणों को देखो ,
जगना और जगाना सीखो ......
कलम से लिखना सीखो ,
किताबों से पढ़ना सीखो .....
गरीबों को दान करना सीखो,
मन में त्याग करने की भावना सीखो......

 लेखक : जीतेन्द्र कुमार 
कक्षा : 8
अपना घर   

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