मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

कविता : दीपावली

 दीपावली 

दीपावली का है आया त्यौहार  ,
खुशियाँ खूब मनाया इस बार ....
घर के चारो ओर हैं दिए जलाए ,
लेकिन पटाखा छुडाना नहीं मुझे भाये ....
हर एक इस दीपावली में ,
करोड़ों पटाखे हैं बनते ....
दीपावली के इन पटाखों से ही ,
जाने कितने बच्चे हैं मर जाते ....
बच्चों, दीपावली तुम खूब मनाना,
लेकिन पटाखे तुम कभी मत छुडाना ...
दीपक जलाना और खूब मिठाई खाना,
साथ में मिलकर खुशियाँ खूब मानाना ....
लेखक : धर्मेन्द्र कुमार 
कक्षा : 9
अपना घर