बुधवार, 27 अगस्त 2025

कविता: "विचार"

 "विचार" 
बाढ़ से भी तीव्र गति से चलता ,
यह मन के विचार।
 यह शब्दों से आरपार कर जाते। 
एक ही पल में रुख बदल जाता है। 
सिक्के के दो पहलू गिना जाता।  
बाढ़ से भी तीव्र गति से जाता , 
 यह मन के विचार। 
यह हर दिलो का मालिक होता। 
लाखों प्रयास  बाद ,
यह अपने शब्दों को जीत दिलाता। 
यह अपना एक नया इतिहास रचता। 
अपने दिलो में बस जाता है। 
बाढ़ से भी तीव्र गति से चलता ,
 यह मन के विचार। 
कवि: अमित कुमार, कक्षा: 11th,
अपना घर।  

1 टिप्पणी:

Priyahindivibe | Priyanka Pal ने कहा…

ये मन बड़ा चंचल है कैसे तेरा भजन करुँ ।