रविवार, 10 अगस्त 2025

कविता : " रक्षाबंधन "

 " रक्षाबंधन " 
 ये है रक्षाबंधन है त्योहार ,
भाई -बहन का है प्रेम ,
बहने बांधती है प्रेम के धागे,
भाई बहन को देते है हजारो का उपहार। 
ताकि जुड़ा रहे भाई बहन का प्यार ,
ये है रक्षाबंधन का त्योहार ,
हर साल बांधती है ये प्रेम के धागे। 
ताकि भाई बहन भूले न प्यार ,
ख़ुशी से , भाई - बहन मनाते है ये त्योहार ,
भाई बहन का है प्यार ,
ये है रक्षाबंधन का त्यौहार ,
ये है रक्षाबंधन का त्योहार । 
कवि: नवलेश कुमार, कक्षा: 11th,
अपना घर  

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