"बहन तेरी याद आती है"
बहन तेरी याद आती है ,
न जाने क्यों तेरी याद आती है।
वो खुशहाली के दिन ,
मुझे आज भी रुलाती है।
बहन तेरी याद आती है।
तेरी हर एक स्माइल मेरे मन को मोह लेती है ,
तेरी हर एक उदासी मेरे खुशियाँ छीन लेती हैं।
तेरी राखी आज भी मेरी तिजोरी में रखी हैं ,
पर न जाने क्यों ये दिल मेरा किसी और से दुखी है।
बहन तेरी याद आती है ,
न क्यों तेरी याद पल सताती है।
एक समय था जब रोते हुए को हसाया ,
पर न जाने क्यूँ हसते हुए को रुलाया।
बहन तेरी याद आती है।
तू जब दूर होती हो , फिर भी मेरे पास होती हो।
न जाने क्यों तेरी याद आती है।
कवि: निरु कुमार, कक्षा: 9th,
अपना घर।
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