रविवार, 24 अगस्त 2025

कविता: "बहन तेरी याद आती है"

"बहन तेरी याद आती है"
बहन तेरी याद आती है ,
न जाने क्यों तेरी याद आती है। 
वो खुशहाली के दिन ,
मुझे आज भी  रुलाती है। 
बहन तेरी याद आती है। 
तेरी हर एक स्माइल मेरे मन को मोह लेती है , 
तेरी हर एक उदासी मेरे खुशियाँ छीन लेती हैं। 
तेरी राखी आज भी मेरी तिजोरी में रखी हैं ,
 पर न जाने क्यों ये दिल मेरा किसी और से दुखी है। 
बहन तेरी याद आती है ,
न क्यों तेरी याद  पल सताती है। 
एक समय था जब रोते हुए  को हसाया ,
पर न जाने क्यूँ हसते हुए को रुलाया। 
बहन तेरी याद आती है। 
तू जब दूर होती हो , फिर भी मेरे पास होती हो। 
न जाने क्यों तेरी याद आती है। 
कवि: निरु कुमार, कक्षा: 9th, 
अपना घर। 

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