गुरुवार, 14 अगस्त 2025

कविता: "बारिश"

 "बारिश" 
 बरसात का मौसम है आया। 
चारो तरफ बरस रही वर्षा रानी।
कर दिया है अब जगह पानी ही पानी। 
बरस रहा है बरसा रानी। 
बचे बोलते हम पानी में नहाएगे
भैया सभी को डॉट लगाते ,
बुँदे है जैसे मोती , बचे देख इतराते। 
बरसात का मौसम है आया। 
चारो तरफ बरस रही वर्षा रानी।
कवि: नितीश कुमार, कक्षा: 6th,
अपना घर। 

  

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