बुधवार, 13 अगस्त 2025

कविता: "नन्हा तारा "

"नन्हा तारा " 
 आसमान का एक तारा हूँ। 
नन्हा और सबसे प्यारा हूँ। 
जगत की एक उम्मीद हु। 
सबके दिलो से नाता है। 
प्रकाश की एक किरण हुँ। 
आसमान का एक तारा हूँ। 
 सबसे अनोखा और प्यारा हूँ। 
है एक अँधेरी रातो की ,
जलता हुआ प्रकश का दीपक हूँ  
 आसमान का एक तारा हूँ। 
नन्हा और सबसे प्यारा हूँ। 
कवि: नीरज कुमार, कक्षा: 5th,
अपना घर। 

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