"विचार"
बाढ़ से भी तीव्र गति से चलता ,
यह मन के विचार।
यह शब्दों से आरपार कर जाते।
एक ही पल में रुख बदल जाता है।
सिक्के के दो पहलू गिना जाता।
बाढ़ से भी तीव्र गति से जाता ,
यह मन के विचार।
यह हर दिलो का मालिक होता।
लाखों प्रयास बाद ,
यह अपने शब्दों को जीत दिलाता।
यह अपना एक नया इतिहास रचता।
अपने दिलो में बस जाता है।
बाढ़ से भी तीव्र गति से चलता ,
यह मन के विचार।
कवि: अमित कुमार, कक्षा: 11th,
अपना घर।
1 टिप्पणी:
ये मन बड़ा चंचल है कैसे तेरा भजन करुँ ।
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