"बरसता का महीना"
इस मौसम का क्या कहना है,
गर्मी को कैसे सहना है।
सूर्य का यह प्रकश,
कर दे रही है पसीना का बरसात।
चारो और फैली सूर्य का प्रकाश,
इसी प्रकाश से ही रहा है गर्मी का अहसास।
इस कड़क धुप से ,
मुश्किल कर दिया बाहर आना - जाना
इस मौसम का क्या कहना है ,
गर्मी को कैसे सहना है।
कवि: नसीब कुमार, कक्षा: 3rd,
अपना घर।
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