बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

कविता :"फूल"

"फूल" 
 फूल लगा हर डाल -डाल पर | 
रंग बिरंगे सुन्दर और प्यारे ,
मधु मनोहर खुशबू इसकी | 
सासो में आ बसता है , 
लगी फूल जो डाल -डाल पर | 
देख मन भर आता है , 
गुजरू कच्ची पगडंडी के रस्ते |
कदम न बढता ,जी मेरा कहता ,
अच्छा है ठहर जाने में | 
बन माली फूलो की रहो पे ,
बैठा रहू बिखरी खुशबू में | 
फूल लगा हर डाल -डाल पर ,
रंग बिरंगे सुन्दर और प्यारे | 
मधु मनोहर खुशबू इसकी , 
सासो में आ बसता है | 
कवि :पिंटू ,कक्षा 7th 
अपना घर
 

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

कविता :"धर्म"

"धर्म"
 क्यों लड़ते है ये लोग जात पात पर | 
ईश्वर ने नहीं बनाया इस आधार पर ,
सब में एकता लाना धर्म हमारा | 
हिन्दू - मुस्लिम में हो भाईचारा , 
सबकी अपनी -अपनी भगवन है | 
इस पर नहीं पर बलिदान है ,
हम सब मिलजुलकर रहेंगे | 
हम सबको बराबर मौका देंगे ,
क्यों लड़ते है ये लोग जात पात पर | 
ईश्वर ने नहीं बनाया इस आधार पर , 
कवि :कुल्दीप ,कक्षा 11th  
अपना घर

सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

कविता : "दुनियाँ याद करें "

"दुनियाँ याद करें "
 इच्छा थी कुछ बड़ा करने की | 
ताकी हमें भी दुनियाँ याद करें , 
लोग तो कहते है बहुत कुछ | 
पर क्यों हम उन पर विश्वास करें , 
हर कोई तुम्हे गलत रास्ता दिखाएगा | 
और भटकाएगा ,
पर विश्वास मत करना उन पर | 
जो तुम्हे ही नीचे गिराएगा ,
भटकाने के किए तो सब मिलेंगे | 
लेकिन साथ देने के किए कोई नहीं ,
इच्छा थी कुच्छ बड़ा करने की | 
ताकि हमें भी दुनियाँ करे ,
कवि :सुल्तान ,कक्षा 8th 
अपना घर 

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

कविता :"नया सवेरा "

"नया सवेरा "
 ये कैसा  अँधेरा है | 
जो मुझको घेरा है ,
सब कुछ दिखना बंद हो गया |
लगता है होने वाला नया सवेरा है ,
धागा  वो उम्मीद जो |
 चार दीवारी  में सो रहे थे , 
धर  के  हाथ पर हाथ |
रो  रहे थे ,
अब होने वाला इस भी बसेरा है | 
लगता है होने वाला नया सबेरा है ,
 मुझे  पता है आने वाले दिनों में | 
मुश्किलों कि पहाड़ आएगा , 
और आकर मुझे गिरा कर जाएगा | 
पर उठने का काम मेरा है ,
लगता है होने वाला नया सवेरा है | 
कवि :देवराज , कक्षा :12th
 अपना घर