शुक्रवार, 23 दिसंबर 2016

आम 
यह मौसम है आम  खाने का 
यह  मौसम है नहीं काम करने का /
गर्मी में आम खाते -खाते  हो जाते हैरान ,
 गर्मी में काम करते -करते हो जाते परेशान /
यह मौसम है आम खाने का ,
यह मौसम है नहीं काम करने का /
  नाम =  प्रभात कुमार 
   कक्षा = 6th 

मंगलवार, 20 दिसंबर 2016

गर्मी 
चीखती है जिंदगी हमारी ,
गर्मियों की चलती  हवाओं में /
चल रही है जिंदगी हमारी ,
सूखे एक बूँद पानी में/
नहीं चलती थी हवाएं ,
आज से पहले किसी ज़माने में/ 
क्यों किया था ऐसा काम,
 जो सहना  पड़ा 40 का तापमान /
ये गर्मी की हवाएं होठों की मुश्कान चुरा जाती है 
हँसना चाहा तो पेट में रह जाती है /  
           नाम= अखिलेश कुमार 
            कक्षा = 6th 

बुधवार, 7 दिसंबर 2016

मौका 
हमको मौका देकर देखो ,
हम पैरों पर खड़े  जायेंगे /
कुछ करने की इजाज़त दो ,
हम वो कर  दिखलायेंगे /
हमें जरूरत है हौसलों की ,
हम दुनिया को बदल आएंगे /
हमको भी एक  राह दो ,
आसमाँ छूकर आएंगे 
बादलों में रहना सीखेंगे
चाँद इज़ाज़त दे तो, 
तारों पर  बैठ जाएंगे /
एक बार तो मौका दो ,
हम सूरज बन जाएंगे /
हर एक अँधेरे के साये में ,
रौशनी हम फैलाएंगे / 
नाम =देवराज कुमार 
कक्षा = 6th 

सोमवार, 5 दिसंबर 2016

बच्चे 
गुलाब की पंखुड़ियों जैसे,
कोमल होते है बच्चे /
हँसते  ,मुश्कुराते हैं  जब वे, 
तो लगते है माशूम बच्चे /
फूलों की खुशबू जैसे ,
झरनो की लहरें जैसे /
एक हंसी दिखा दे तो ,
जग के हँसते है बच्चे /
दुनियां की हर ख़ुशी ,
न हो कभी वे दुखी /
न हो उनके लिए सर्दी ,
बस प्यार की हो गर्मी/ 
नाम =राज कुमार 
कक्षा = 7th 

शनिवार, 3 दिसंबर 2016

जिंदगी
छोटी सी जिंदगी हमारी
छोटी सी ख़ुशी हमारी
खुशियों को छुपाना मौसम की तरह
खुशियों को गुजरना लम्हों की तरह /
छोटी सी जिंदगी हमारी ,
नाम=नितीश