बच्चे
गुलाब की पंखुड़ियों जैसे,
कोमल होते है बच्चे /
हँसते ,मुश्कुराते हैं जब वे,
तो लगते है माशूम बच्चे /
फूलों की खुशबू जैसे ,
झरनो की लहरें जैसे /
एक हंसी दिखा दे तो ,
जग के हँसते है बच्चे /
दुनियां की हर ख़ुशी ,
न हो कभी वे दुखी /
न हो उनके लिए सर्दी ,
बस प्यार की हो गर्मी/
नाम =राज कुमार
कक्षा = 7th
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