" मुश्किल हुए दिन "
गर्मी का मौसम आया,
सूरज ने आँखे दिखलाई।
चमके सरताज जोर जोर से ,
दिनभर गर्मी फैलाये जोर से,
गर्मी का आया मौसम।
इस मौसम में ठंडी चाहिए ,
जो रहता पहुँचाए ऐसी हवा चाहिए ,
लपट चले पुरे दिन भर।
लू ने भी की अपनी हरकत,
करा बीमार लोगो को,
अब कुछ न सुझा उनको।
गर्मी का आया मौसम ,
सूरज ने आँखे दिखलाऐ।
कवि: साहिल कुमार, कक्षा: 9th,
अपना घर।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें