सोमवार, 11 अगस्त 2025

कविता: " मुश्किल हुए दिन "

 " मुश्किल हुए दिन "
गर्मी का मौसम आया,
सूरज ने आँखे दिखलाई। 
चमके सरताज जोर जोर से ,
दिनभर गर्मी फैलाये जोर से, 
गर्मी का आया मौसम। 
इस मौसम में ठंडी चाहिए ,
जो रहता पहुँचाए ऐसी हवा चाहिए ,
लपट चले पुरे दिन भर। 
लू ने भी की अपनी हरकत,
करा बीमार लोगो को, 
अब कुछ न सुझा उनको। 
गर्मी का आया मौसम ,
सूरज ने आँखे दिखलाऐ। 
कवि: साहिल कुमार, कक्षा: 9th,
 अपना घर। 

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