रविवार, 24 मार्च 2019

कविता : फाल्गुन का महीना आया

" फाल्गुन का महीना आया "

फाल्गुन का महीना आया,
रंग बिरंगी पिचकारी लाया |
गालों पर गुलाल लगाएंगे,
गुझिया और मिठाइयाँ खाएँगे |
धूम - धाम से होली मनाएँगे,
सबके चेहरे पर रंग लगाएँगे |
खुशियों का यह त्योहार है,
बस रंगों का बहार है |
सारी मर्यादाओं को भूलकर,
ख़ुशी में एक साथ झूमकर |
दोस्तों पर रंग चढ़ाएँगे,
ख़ुशी से होली मनाएँगे |

                                                                                                             कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर


कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जिन्होंने यह कविता लिखी है | प्रांजुल वैसे तो मूल रूप से छत्तीसगढ़ के निवासी है परन्तु वह अपना घर संस्था में रहकर अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं | प्रांजुल ने यह कविता त्योहार पर लिखी है जिसका शीर्षक फाल्गुन का महीना आया | प्रांजुल को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है |