" एक तारा था "
जीवन में एक तारा था,
वर्षों से वो बहुत पुराना था |
मानों वह बेहद प्यारा था,
दुनियाँ में हंसी - ख़ुशी का तारा था |
वो छूट गया तो टूट गया गया,
कितने प्यारे उसके छूट गए |
टूटे तारे पर क्या शोक मनाता है,
जीवन की हंसी - ख़ुशी तारा समझाता है |
जीवन में एक तारा था,
वर्षों से वो बहुत पुराना था |
कवि : नितीश कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
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