शुक्रवार, 8 मार्च 2019

कविता : हिंदी भाषा

" हिंदी भाषा "

हिंदुस्तान में पली बड़ी है हिंदी,
देश के हर गली में है हिंदी |
जिह्वा के हर कण में है हिंदी,
मातृ भाषा के हर शब्दों में है हिंदी |
देश की शान बढ़ाता है हिंदी,
जन -जन की पहचान बनाता है हिंदी |
मातृ रूपी भाषा है हिंदी,
शब्दों को जानने की अभिलाषा है हिंदी |
यह हिंदी भाषा का बहार है,
इस भाषा में शब्दों का भण्डार है |
हिंदी की लालिमा को जानो,
हिंदी के अक्षरों को पहचानो |
हिंदी में बिंदी लगाए रखना,
हिंदीं की शान बढ़ाए रखना |
                                                                                                                 कवि : प्रांजुल , कक्षा : 9th , अपना घर



कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जिन्होंने यह कविता लिखी है | प्रांजुल को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | प्रांजुल एक इंजीनियर बनना चाहते हैं | प्रांजुल को छोटे बच्चों को पढ़ाने में बहुत मजा आता हैं | पढ़लिखकर परिवार वालों की मदद करना चाहतें हैं |

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