" कुछ ऐसा करूँ "
मन करता है कुछ ऐसा करूँ,
हर मुसीबतों को पार कर सकूँ |
देश की गन्दगी को साफ कर सकूँ,
जो भी भूल हो उसे माँफ कर सकूँ |
बस इतनी ही चाहत है रब से,
यह दरख्वास्त है मेरा सबसे |
हर राह से गुजर कर कुछ बन सकूँ,
बनने के बाद देश के लिए कुछ कर सकूँ |
मन करता है कुछ ऐसा करूँ,
हर मुसीबतों को पार कर सकूँ |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
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