रविवार, 17 मार्च 2019

कविता : मच्छर

" मच्छर "

छोटा सा एक मच्छर,
बड़ा धमाल करता है |
गन्दगी में रहना इसकी आदत,
जमे हुए पानी में ही यह इबादद |
ये होता है छोटा सा,
दिखता है बिल्कुल अजीब सा |
बिना पूछे काट लेता है,
पूरी रात परेशान कर देता है |
इसकी आदत ख़राब सी है,
बिना कुछ कहे ही काट लेता है |
जितना भी भगाओ नहीं भागता,
भगाने पर अपने दोस्तों को बुलाता है |

कवि : धरम कुमार , कक्षा : 2nd , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता धरम के द्वारा लिखी गई है जो की कक्षा 2 के छात्र है | धरम बिहार के रहने वाले हैं यह उनकी पहली कविता है |धरम बहुत ही चंचल बच्चा है और पढ़ाई बहुत मन से करता है |



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