" भुला न पाउँगा "
आँखों में तेरे आँसू न देख पाउँगा,
चाहत मैं तेरी भुला न पाउँगा |
दिल में मेरे दर्द है ऐसा,
तुमसे न छिपा पाउँगा |
तेरी इस तनहाई में
रातों की परछाई में |
तुम्हें याद करता हूँ,
कुछ गलत न हो यह फ़रियाद करता हूँ |
हवाएँ भी कुछ कहने लगी हैं,
तुम बिन सुना रहने लगी हैं |
आँखों में तेरे आँसू न देख पाउँगा,
चाहत मैं तेरी भुला न पाउँगा |
कवि : विशाल कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
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