" होली "
इस महीना लग रहा है कुछा खास,
आने वाला है दस दिन के बाद |
उस दिन का है इंतजार,
रंगों की होगी बरसात |
उस में सभी रंग होंगे,
न कोई भेदभाव सब खेलेंगे |
सब दुश्मन होंगे एक साथ,
क्योंकि लग रहा है कुछ खास |
रंग भरी पिचकारी चलेगी,
रंग , मिष्ठान और गुलाल उड़ेंगे |
हर कोई रंग खेलेगा,
कोई बुरा भला नहीं बोलेगा |
कवि : रवि किशन , कक्षा : 10th , अपना घर
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