" फाल्गुन का महीना आया "
फाल्गुन का महीना आया,
रंग बिरंगी पिचकारी लाया |
गालों पर गुलाल लगाएंगे,
गुझिया और मिठाइयाँ खाएँगे |
धूम - धाम से होली मनाएँगे,
सबके चेहरे पर रंग लगाएँगे |
खुशियों का यह त्योहार है,
बस रंगों का बहार है |
सारी मर्यादाओं को भूलकर,
ख़ुशी में एक साथ झूमकर |
दोस्तों पर रंग चढ़ाएँगे,
ख़ुशी से होली मनाएँगे |
कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर।
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