रविवार, 5 अक्टूबर 2025

कविता: "कब होगा भारत मेरा ऐसा"

 "कब होगा भारत मेरा ऐसा"
 खेतों में किशान फसल लगाएगा।  
तो चारो ओर हरियाली छाएगा। 
तभी ये देश प्रदूषण से बच पाएगा। 
और हरियाली चारो ओर छाएगा। 
अब वो मौशम आएगा , 
जब भारत  देश विकास की रेस में आएगा। 
किशानो की मेहनत से चारो और हरियाली छाएगा। 
जब देश में फसल लहराएगा 
पेड़ो पर सारे चिड़िया चहचहाएगा ,
सभी लोग खुसी से गाएगा। 
भारत देश विकाश के रेस में आएगा ,
जब फसल चारो ओर लहराएगा 
फसल भी झूम - झूमकर गाएगा। 
खेतों में फसल किशान लगाएगा ,
तो खेतो में फसल लहराएगा 
किशान भी झूम - झूमकर गाएगा ,
जब फसल खेतो में लहलहाएगा। 
झूम- झूमकर गाएगे और फसल लहराएगा 
जब देश में हरियाली आएगा। 
तो सारे फसल लहराएगा, लहराएगा, लहराएगा।  
कवि: नवलेश कुमार, कक्षा: 11th,
अपना घर। 

कोई टिप्पणी नहीं: