सोमवार, 20 अक्टूबर 2025

कविता : "दीपावली "

"दीपावली "
 आ गई है दिवाली।
बच्चो की खुशी और  पटाको की आवाज आएगी।   
घरो को सफाई और तरह - तरह के लइटो से सजाएँगे। 
बच्चे धूम धाम से दीवाली मनाएँगे। 
दिए को जलाएँगे खुशियाँ सभी को बाटेंगे  आएँगे। 
की जब पटाके फूटेंगे गाँव की गलियों में, देवरो पर पॉप - पॉप मारेंगे। 
हैप्पी दिवाली सभी के लिए लिख देंगे दीवारों पर। 
वे सोर जब होंगी गाँव की गलिओं में। 
वे पटाके की जब आवाज सुनाई देंगी लोगो की। 
ताल में ताल मिलाने लग जाएँगे साथ में। 
खुशियाँ बाटेंगे साथ में। 
कवि = रमेश कुमार 
कक्षा = 5 
अपना घर 

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