गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025

कविता: "बर्थडे"

"बर्थडे"
 आज का दिन है बहुत खास,
होगी बर्थडे केक का ही बरसात। 
साल में एक बार आता है ,
सारा का सारा खुशियां  ले जाती है। 
सारा दिन मुस्कुराते हुआ ही गुजरता ,
सॉस लेने का मौका भी नहीं मिलता की बर्थडे।
 की बधाईंया मिलना सुरु हो जाता है ,
आज का दिन है बहुत खास। 
कवि: नसीब कुमार, कक्षा: 3rd,
अपना घर। 

 

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