शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

कविता: "पी. टी. यम. का दिन आया"

 "पी. टी. यम. का दिन आया"
हुआ है हम सभी का आज पी. टी. यम.,
देखने को मिले है नए रैंक होल्डर्स ,
जो होता आ रहा है हर वर्ष।  
सभी के चेहरे पर खुशी ही खुशी थी ,
कुछ की चेहरे पर छाए हुई थी दुखी ,
फिर भी वो दिखा रहे थे अपने चेहरे पर खुशी, 
इस पीटीएम ने ते सब ख़राब कर के रख दिया है। 
सारा का सारा मज़ा पी .टी. एम. ने ले  लिया है। 
दुखी के मरे घर से बाहर निकला ना जाए ,
खुशियों का त्यौहार दीपावली दिन पर दिन पास बढ़ता जाए ,
हुआ है हम सभी का आज पी. टी. यम.। 
सब की मेहनत रंग लाया है ,
काला ही सभी पर कर के दिखलाया है ,
हुआ है हम सभी का आज पी. टी. यम.। 
कवि: रौशन कुमार, कक्षा: 3rd,
अपना घर। 



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